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Friday, 24 August 2018

लौटकर वापस आएंगे अटलजी, यहां होगा पुनर्जन्म


हिंदू धर्म के अनुसार मनुष्य का केवल शरीर मरता है उसकी आत्मा नहीं । आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर में प्रवेश करती है, इसे ही पुनर्जन्म कहा गया हैं । वैसे पुनर्जन्म पर हमेशा से ही भ्रम रहा है, कुछ लोग इसे मानते है तो कुछ को आज भी इस पर संदेह है । लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार जिन मनुष्यों के कर्म अच्छे होते हैं वे मरने के बाद दोबारा पुनर्जन्म लेते हैं । देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पवित्र आत्मा ने अभी कुछ दिनों पूर्व ही शरीर छोड़ा हैं । ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया की अटल जी की मत्यु के समय उनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार वे एक बार फिर देव भूमि भारत में पुनर्जन्म अवश्य लेंगे और पुनः अपनी भारत माता के लिए जीवन समर्पित करेंगे ।


धर्म ग्रंथों के अनुसार ऐसी मान्यता कि मुक्ति सिर्फ मानव जन्म में ही मिलती है, कहते है कि मानव जीवन अनमोल है, इसके लिए उसे 84 लाख योनियों से गुजरना पड़ता हैं, तब जाकर मनुष्य योनि में जीवन मिलता हैं । हालांकि नया जन्म लेने के बाद पिछले जन्म कि याद बहुत हि कम लोगो को रह पाती है । इसलिए ऐसी घटनाएं कभी कभार ही सामने आती है । पुनर्जन्म की घटनाएं भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों मे सुनने को मिलती रहती है ।

Atal Bihari Vajpayee punar janam
अटल जी की जन्म कुंडली

पं. तिवारी के अनुसार भारत के सबसे अधिक लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई की जन्म कुंडली के अनुसार उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को रात 8:00 बजे मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था । जन्म लग्न कर्क है और कुंडली में ग्रहों की स्थिति- कर्क लग्न में राहु और मकर राशि में केतु विराजमान थे वही पंचम भाव का स्वामी मंगल जो कि दशम भाग्य स्थान में विराजमान था एवं एकादश भाव का स्वामी शुक्र पंचम भाव में विराजमान था, वहीं शनि उच्च का होकर चौथे भाव में बैठा हुआ था ।

पंचम भाव और दशम भाव के स्वामी मंगल के भाग्य स्थान में बैठने के चलते ही अटल जी को प्रधानमंत्री पद का सुख प्राप्त हुआ । बृहस्पति में मंगल की दशा में ही वे प्रधानमंत्री बने और शनि में केतु के आने के उपरांत उनकी सेहत खराब हुई और मार्केश सूर्य की दशा में अटल जी को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा । शनि में सूर्य, सूर्य में राहु के कारण उनको मृत्यु का सामना करना पड़ा ।

अटल जी यहां लेंगे पुनर्जन्म

स्व. अटल बिहारी बाजपेई एक बार पुनः लेंगे जन्म- यह कहना हैं ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी का । पं. तिवारी ने कहा कि- अगर किसी जातक की मृत्यु जब उच्च के शनि में होती है अर्थात जन्म कुंडली में उच्च का शनि हो और उसकी महादशा चल रही हो तो जातक का एक बार पुनः जन्म अवश्य होता ही है ।

2024 में इस दिशा में लेंगे पुनर्जन्म

जिस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की मृत्यु हुई थी उस समय उनकी कुंडली में भी शनि उच्च का था और शनि की ही महादशा भी चल रही थी । इसलिए यह कहा जा सकता है कि स्व. अटल जी आगामी वर्ष 2024 में देव भूमि भारत की पवित्र धरा पर उत्तर दिशा में एक बार पुनः पुनर्जन्म लेंगे, और अगले जन्म में अटल जी की पवित्र आत्मा का पुनर्जन्म मिथुन लग्न और वृश्चिक राशि में होगा । अगले जन्म में भी इनकी पुण्य आत्मा बेहद बुद्धिशाली होंगी और पुरुष स्वरूप में ही इनका जन्म भी होगा । भविष्य की राजनीति में वह दिव्य शरीर धारी आत्मा भारत भूमि के उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान अवश्य देंगी ।

Atal Bihari Vajpayee punar janam
मोदी ने भी कहा था वे फिर आएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाव सुमन अटल जी के निधन पर अर्पित करते हुए टवीट कर अटल जी की यह कविता लिखी थी-
लेकिन वो हमें कहकर गए हैं-
“मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं ?”

शिवराज सिंह चौहान ने कहा फिर आएंगे मेरे अटल

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा था कि जनजन के प्रेरणा स्रोत स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी हमारे बीच में ही है और एक बार फिर इनकी पुण्य आत्मा हम सबके बीच दोबारा लौटकर आएंगी ।

शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार सबसे ज्यादा चौंकाने वाला तथ्य ये हैं कि मनुष्य की जीवात्मा सात बार पुरुष या स्त्री बनकर ये शरीर धारण करती है और परमात्मा उसे यह अवसर उसके वर्तमान जीवन के अच्छे या बुरे कर्मों के द्वारा ही अगला भाग्य निर्धारित करते है ।
Atal Bihari Vajpayee punar janam

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