कांग्रेस पार्टी की कर्ता धर्ता सोनिया गाँधी का जन्म 9 दिसंबर, 1946 को रात्रि 9.15 बजे इटली के तुरीन के वेनेटो विकैंजा के एक छोटे से गांव लुसियाना में, मिथुन राशि, कर्क लग्न में हुआ था । इनकी कुंडली में कर्क लग्न है जो एक कुशल राजनीतिज्ञों का लग्न माना जाता है । लग्न में बैठा हुआ शनि भी जातक को कूटनीतिज्ञ तथा कुशल प्रशासक बनाता है । सोनिया गांधी कुंडली के अनुसार आगामी 2019 के चुनाव से पहले वे कोई ऐसा बड़ा राजनीतिक फैसला लेंगी जिस कारण कांग्रेस के अपने ही घर में भारी उथल पूथल देखने को मिलेंगी, सोनिया के उस फैसले से राहुल गाधी को हो सकता हैं ये हाल ।
सोनिया गांधी का सफर
सोनिया गांधी की साल 1965 में राजीव गांधी से मुलाकात हुई, और दोनों ने साल 1968 में विवाह कर लिया । यहीं से शुरू हुआ इनका एक राजनीतिक परिवार में सफर, उस समय भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी थी और उन्होंने सोनिया को अपनी बहू के रूप में स्वीकार किया । वर्ष 1970 में सोनिया गांधी ने बेटे राहुल गांधी को जन्म दिया और ठीक दो साल बाद 1972 में पुत्री प्रियंका गांधी को जन्म दिया । राजीव गांधी की मौत के लंबे अरसे बाद साल 1997 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया और 1998 से लेकर साल 2018 तक कांगेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही, और उसके बाद अपने बेटे राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौप परदे के पीछे से अपनी भूमिका निभा रही है ।
कुंडली कनेक्शन- 19 सितंबर 2018 में लेगी बड़ा फैसला
ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने सोनिया गांधी की कुंडली के बारे बताया की इनकी कुंडली में मालव्य महापुरुष योग, बुधादित्य योग, सुनफा योग, उभयचर योग, काहल योग, अमर योग, धन योग और दान योग हैं । चंद्र कुंडली से पंचम भाव में विराजमान गुरु व शुक्र ने भी इन्हें राजनीति का पंडित बनाया ।
पं. अरविंद तिवारी की माने तो अब सोनिया गांधी की कुंडली के ग्रहों के की चाल के अनुसार आगामी 2019 से लोक सभा चुनाव से पहले वे कांग्रसे में कोई बड़ा फैसला ले सकती है जिससे पूरी पार्टी में भीरी उधल पुथल होने की संभावना हैं । क्योंकि सोनिया गांधी की कुंडली के अनुसार आगामी 19 सितंबर 2018 से इनकी मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह कन्या से उच्च का होकर पहुंच रहा है, जिस कारण वे अपनी ही पार्टी को लेकर कोई निर्णय अवश्य करेंगी । सोनिया गांधी के लिए गए फैसले से पूरी कांग्रेस पार्टी में खलबली मच सकती है, साथ उनके निर्णय से वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी भी थोड़े असहज हो सकते है, परंतु हो सकता है सोनिया गांधी का यह फैसला कांग्रेस के लिए लाभकारी भी सिद्ध हो सकता हैं ।
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