ज्योतिष पं. गुलशन अग्रवाल
राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 23 शक संवत् 1940 भाद्रपद शुक्ल पंचमी शुक्रवार विक्रम संवत् 2075। सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे 29, मुहर्रम 03 हिजरी 1440 तदनुसार अंग्रेजी तारीख 14 सितंबर सन् 2018 ई०। दक्षिणायण, उत्तरगोल, शरदऋतु।
राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। पंचमी तिथि अपराह्न 2 बजकर 24 मिनट तक उपरांत षष्ठी तिथि का आरंभ, विशाखा नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 1 बजकर 27 मिनट तक उपरांत अनुराधा नक्षत्र का आरंभ, वैधति योग रात्रि 11 बजकर 25 मिनट तक उपरांत विष्कुंभ योग का आरंभ।
आज के मुहर्त- अनुकूल समय में ऋषि पंचमी एवं सप्तर्षि का पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
बालव करण अपराह्न 2 बजकर 24 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चंद्रमा सायं 7 बजकर 14 मिनट तक तुला उपरांत वृश्चिक राशि पर संचार करेगा। आज ही ऋषि पंचमी मेलापट्ट (कश्मीर), संवत्सरी (पंचमी मत जैन)।
आज जन्में बच्चे
आज जन्म लिए बच्चों के नाम (ती, तू, ते, तो, ना) अक्षरों पर रख सकते है। आज जन्म लिए बच्चे शरीर से प्रतीभाशाली होंगे। ऐसे जातक धनसंपदा से पूर्ण व स्वतंत्र उद्योग का संचालन करेंगे। प्रायः समस्त भौतिक सुख की कामना रहेगी। व्यवहारकुशल भी होंगे।
आज जन्म लिए बच्चों के नाम (ती, तू, ते, तो, ना) अक्षरों पर रख सकते है। आज जन्म लिए बच्चे शरीर से प्रतीभाशाली होंगे। ऐसे जातक धनसंपदा से पूर्ण व स्वतंत्र उद्योग का संचालन करेंगे। प्रायः समस्त भौतिक सुख की कामना रहेगी। व्यवहारकुशल भी होंगे।
पंचांग क्या है
पंचांग या पंचागम् हिन्दू कैलेंडर है जो भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अव्यवों का गठन होता है, अर्थात् तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण। पंचांग मुख्य रूप से सूर्य और चन्द्रमा की गति को दर्शाता है। हिन्दू धर्म में हिन्दी पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते ।जैसा कि प्राचीन समय से बताया गया है कि हर क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसी तरह जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप कार्य करता है तो पर्यावरण प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान तरीके से कार्य करता है। एक शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले महत्वपूर्ण तिथि का चयन करने में हिन्दू पंचांग मुख्य भूमिका निभाता है। पंचांग एक निश्चित स्थान और समय के लिये सूर्य, चन्द्रमा और अन्य ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है। संक्षेप में पंचांग एक शुभ दिन, तारीख और समय पे शुभ कार्य आरंभ करने और किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव को नष्ट करने का विचार प्रदान करता है।
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