दोस्तो जबभी महाभारत की बात होती तो कर्ण और अर्जुन का नाम लिया जाता है। और इनमे कौन सबसे बडा धनोधर था।। इस पर वहस झिड जाती है ।। दोस्तो जादातर लोग कर्ण को ईसलिए सर्वश्रेष्ठ योद्धा मानते है ।। कि उसे जीवन भर दु:ख मिले लेकिन यह कहना गलत होगा।।क्योकि अर्जुन को भी अपने जीवनकाल मे बहुत दु:खो का सामना करना पडा।। अनिश्चिकाल से पिता कि र्मत्यु दुर्योधन के सडयंत्र और भी कई मुश्किलो का सामना करना पडा।।
दोस्तो जब कर्ण कि मृत्यु हुई तब कर्ण ने श्री कृष्ण से पुछा कि में श्रेष्ठ हू या नही ।। तब श्री कृष्ण ने कहा हे कर्ण तुम्हारे हाथो मे अस्त्र नही।।तुम्हारे रथ का पहिया मिट्टी मे धसा है ।। तुम्हारी विद्धाओ का तुम्हे विश्मरण हो गया है ।। एसा अवशर देख कर तुम्हारी मृत्यु की जा रही है ।। दोस्तो दोपदी स्वंमवर मे कर्ण और अर्जुन ही एसे थे जो लक्ष्यभेद कर सकते थे ।।
दोस्तो विराट युद्ध मे अकेले अर्जुन ने ही सभी योद्धा को रोक दिया था।।और बहुत से एसे युद्धो मे कर्ण ने अर्जुन को पराजित किया।।ये सभी बाते यही बताती है।। कि दौनो ही अपने आप मे श्रेष्ठ योद्धा थे।।
मै दौनौ योद्धाऔ को नमन करता हू।।
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