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Wednesday 12 July 2017

महाभारत के 10 अपराजित योद्धा ।। mahabharat ke 10 aparajit yoddha.


महाभारत प्राचीन भारत के दौ मुख्य ग्रंथो मे से एक है।और एक एतिहासिक गाथा है जिसमे युद्ध,राजनीति,नैतिक,और धर्म के तत्व शामिल है।।ये विश्व का सबसे लम्बा एतिहासिक ग्रंथ है।। आइये जान्ते है महाभारत के दस बाहुबलियो के बारे मे।।

1.दुर्योधन


दुर्योधन कौरवो मे सबसे बडे भाई थे।और एक बहुत बडे योद्धा भी थे।जिनको गदा चलाने की कला मे महारथ हासिल थी असल मे उस जमाने मे गदा चलाने मे वो सर्वश्रेष्ठ लोगो मे से थे।। दुर्योधन के पास गजब की शारीरिक शक्ति थी।और छोटी मोटी चोटो का उनपर कोई असर नही होता था। कहते है कि दुर्योधन मे एक हजार आदमियो कि शक्ति थी।। दुर्योधन ने अपनी युद्ध कला उनके गुरू कृपार्चाय और द्रोणाचार्य से सीखी थी जिसके बाद उन्हौने बलराम से गदा चलाने की कला सीखी।। वो पूरे भारतवर्ष के सबसे क्रूर और बेरहम शासक थे। महाभारत जैसा विशाल युद्ध शरु करने के पीछे दुर्योधन सबसे बडा कारण थे।।

2.भीम



भीम पाँचौ पाण्डव भाईयो मे दुसरे सबसे बडे भाई थे। जो कि कुन्ती और वायुदेव के पुत्र थे।अपने पिता की ही तरह वो भी बहुत शक्तिशाली थे। उनको इंद्र और वायुदेव के बराबर शक्तिशाली माना जाता था। भीम अपने भाईयो मे से सबसे बलवान और सबसे तेज थे। और तो और अगर शारिरीक बल की बात की जाये तो वे महाभारत के सबसे शक्तिशाली योद्धा थे। कहते है कि भीम मे एक हजार हाथीयो की शक्ति थी। उन्होने बलराम से गदा चलाने की कला और तलवारबाजी सीखी और वो एक बहुत बडे पहलवान भी थे। उनकी शक्ति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है ।कि एक बार बचपन मे वे एक पहाड़ की चोटी पर अपनी माँ की गोदी से गिर गये। भीम ना सिर्फ जिन्दा बच गये बल्कि जिस चट्टान वो गिरे वो चट्टान चकना चूर हो गयी।।


3. अभिमन्यु



अभिमन्यु महान योद्धा अर्जुन के पुत्र थे। उन्होने अपना बचपन द्वारका मे सभुद्रा और कृष्ण भगवान के साथ बिताया । उनको कृष्णजी के बेटे प्रदुमन और उनके पिता अर्जुन ने युद्धकला की शिक्षा दी। अभिमन्यु मे सीखने की कमाल की क्षमता थी । उनकी शिक्षा उनकी माँ सभुद्रा की कोख मे ही शुरू हो गयी थी अपनी माँ की कोख मे ही उन्होने अपने पिता अर्जुन को सभुद्रा को अलग अलग युद्धनितियो के बारे मे बताते हुए सुन लिया था। और तो और अभिमन्यु ने चक्रव्युह मे प्रवेश करने का रहस्य भी सुन लिया था। लेकिन सभुद्रा के बीच मे सो जानेकी वजह से अर्जुन अपनी पूरी बात नही बता पाया और अभिमन्यु चक्रव्यूह को तोड़ने के बारे मे नही सुन पाये। पाण्डव सेना मे अभिमन्यु उन तीन लोगो मे से थे जिनको   चक्रव्यूह के खिलाफ लडना आता था।अभिमन्यु को उनकी हिम्मत और लडने की कला अपने पिता अर्जुन और दादा इंद्र से विराशत मिली थी। कहते है कि अभिमन्यु अर्जुन के बराबर शक्तिशाली थे।। और वो सिर्फ सोलह साल के थे जब वो महाभारत के हिस्सा बने । />

4.घटोतकच्छ



घटोतकच्छ भीम और राक्षसी हिडिम्बा के पुत्र थे अब क्योकि घटोतकच्छ आधे इन्सान और आधे राक्षस थे तो उनके पास कई शक्तिया थी वो राक्षसी हिडिम्बा के पुत्र थे। इसलिये वो उड़ सकते थे।और राक्षसो की सारी शक्तिया उनके पास थी। क्योकि वो क्षत्रिय एक के भी पुत्र थे तो उनमे भीम का ज्ञान और शारिरीक शक्तिया थी घटोतकच्छ कई देवीय शक्ति यो के मालिक थे। जैसे कि वो अपना आकार मनचाहा बदल सकते थे । जिसकी वजह से बडे बडे योद्धा भी उनके सामने आने से घबराते थे। उनकी तागत का अंदाजा ईस बात से लगाया जा सकता है। कि उन्होने कौरवो की लगभग पूरी सेना को एक रात मे ही हरा दीया था।

5. अश्वथामा 



अश्वथामा द्रोणाचार्य और कीर्ति के पुत्र है।। वो कौरवो मे सबसे बडे योद्धाऔ मे से एक है । और भगवान शिव के अवतार भी है।द्रोणाचार्य ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये सालो तक तपस्या की ताकि उनको शिवजी जैसा वीर पुत्र मिले। अश्वथामा के जन्म के वक्त उनके शिर पर एक मणि थी। जो अश्वथामा को इन्सानो से नीचे किसी भी प्राणी पर काबू करने देती थी। ये मणि अश्वथामा को किसी भी प्रकार की भूख,प्यास या थकान से बचाती थी। अश्वथामा एक चिरन्जीवी है।। वो एक बहुत बडे योद्धा है जिनको अश्त्र सश्त्र की कला मे महारथ हासिल थी उनके पास देवीय हथियार थे। जैसे नारायण अश्त्र,अग्नी अश्त्र और तो और शक्तिशाली ब्रम्हाश्त्र भी। भीष्म ने ये कहा था कि जब अश्वथामा को गुस्सा आ जाये तब युद्ध मे उनसे लडना नामुंकिन है। क्योकि वो शिवजी जैसा रौद्र रूप धारण कर लेते है ।

 
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