ज्योतिष पं. गुलशन अग्रवाल
राष्ट्रीय मिति श्रावण 30 शक संवत् 1940 श्रावण शुक्ल एकादशी मंगलवार विक्रम संवत् 2075। सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे 5, जिल्हिजा 9 हिजरी 1439 तदनुसार अंग्रेजी तारीख 21 अगस्त सन् 2018 ई०। दक्षिणायण, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु।
राहुकाल अपराह्न 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक। एकादशी तिथि सूर्योदय से अगले दिन प्रातः 7 बजकर 41 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ, मूल नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 34 मिनट तक उपरांत पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का आरंभ, विष्कुंभ योग सायं 4 बजकर 2 मिनट तक उपरांत प्रीति योग का आरंभ।
आज के मुहर्त- अनुकूल समय में समस्त कृषि कर्म करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
वणिज करण सायं 6 बजकर 29 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात धनु राशि पर संचार करेगा। आज ही भद्रा सायं 6 बजकर 29 मिनट से, गण्डमूल अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 34 मिनट तक।
आज जन्में बच्चे
आज जन्म लिए बच्चों के नाम (यो, भ, भी, भू) अक्षरों पर रख सकते है। आज जन्म लिए बच्चे की मूलशांति अवश्य कराएं। ऐसे जातक शरीर से सशक्त होंगे। प्रायः समस्त सुखों का भोग करेंगे। जल्द बातें प्रकट करने वाले तथा अच्छी धनसंपदा के मालिक होंगे।
आज जन्म लिए बच्चों के नाम (यो, भ, भी, भू) अक्षरों पर रख सकते है। आज जन्म लिए बच्चे की मूलशांति अवश्य कराएं। ऐसे जातक शरीर से सशक्त होंगे। प्रायः समस्त सुखों का भोग करेंगे। जल्द बातें प्रकट करने वाले तथा अच्छी धनसंपदा के मालिक होंगे।
पंचांग क्या है
पंचांग या पंचागम् हिन्दू कैलेंडर है जो भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अव्यवों का गठन होता है, अर्थात् तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण। पंचांग मुख्य रूप से सूर्य और चन्द्रमा की गति को दर्शाता है। हिन्दू धर्म में हिन्दी पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते ।जैसा कि प्राचीन समय से बताया गया है कि हर क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसी तरह जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप कार्य करता है तो पर्यावरण प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान तरीके से कार्य करता है। एक शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले महत्वपूर्ण तिथि का चयन करने में हिन्दू पंचांग मुख्य भूमिका निभाता है। पंचांग एक निश्चित स्थान और समय के लिये सूर्य, चन्द्रमा और अन्य ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है। संक्षेप में पंचांग एक शुभ दिन, तारीख और समय पे शुभ कार्य आरंभ करने और किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव को नष्ट करने का विचार प्रदान करता है।
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