राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त- शुभ- मुहूर्त की अवधि - 11 घंटे 26 मिनट
चर - सुबह - 7:43 से 9:18 तक
लाभ- प्रातः- 9:18 से 10:53 तक
अमृत- प्रातः- 10:53 से 12:28 तक
शुभ - दोपहर:- 2:03 से 3:38 तक
शुभ - साय- 6:48 से 8:13 तक
अमृत - रात्रि- 8:13 से 9:38 तक
चर - रात्रि- 9:38 से 11:03 तक
इस समय में न बांधें राखी, अशुभ हैं ये समय
राहु काल प्रातः- 5:13 से 6:48
यम घंटा दोपहर- 12:28 से 2:03
गुली काल दोपहर- 3:38 से 5:13
काल चौघड़िया दोप 12:28 से 2:03
राखी बांधने की विधि
1- सबसे पहले बहनों का सुबह- सुबह पूजा की थाल तैयार करके उपरोक्त मुहूर्त में से किसी भी मुहूर्त में सुविधानुसार अपने भाईयों को बांधे राखी ।
2- थाल में रोली, मिठाई, कुमकुम,रक्षा सूत्र, अक्षत, पीला सरसों, दीपक और राखी आदि रखें ।
3- इस दौरान घी का दीप जरूर जलावें ।
4- भाई बहन दोनों एक साथ सदबुद्धि की भावना से गायत्री महामंत्र बोलते हुए प्रार्थना करें ।
गायत्री महामंत्र
।। ॐ भूर्भुवः स्व: तत सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात ।।
5- अब इस मंन्त्र बोलते हुए सबसे पहले बहन भाई को तिलक लगाएं, फिर भाई अपनी बहन को तिलक लगाएं ।
तिलक लगाने का मंत्र
।। ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम् ।
आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥
6- अब भाई बहन दोनों पहले एक दूसरे के हाथ में दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र ( लाल कलावा ) बांधें । नोट- कंवारी बहने सीधे हाथ एवं विवाहित बहने उलटे हाथ में कलावा बंधवायें ।
रक्षा सूत्र बांधने का मंन्त्र
।। ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम् ।
दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते ॥
7- अब बहने इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भाई के दाहिने हाथ पर राखी को बांधें ।
।। ॐ येन बद्धो बलीराजा, दानवेन्द्रो महाबलः ।
तेन त्वां प्रति बध्नामि, रक्षे मा चल मा चल ।।
अर्थात्- जिस रक्षासूत्र से दानवेन्द्र, महाबली राजा बलि बाँधे गये थे, उसी से तुम्हें बाँधती हूँ। हे रक्षे (रक्षासूत्र) यहाँ से (अपने प्रयोजन से) विचलित न होना अर्थात् अपनी बहन की सदैव रक्षा करना।धर्मपरायण होकर अपनी बहन की रक्षा करना ।
8- फिर राखी और रक्षा सूत्र बांधने के बाद, भाई की आरती उतारकर उसके ऊपर पुष्पवर्षा इस मंत्र के साथ करें ।
पुष्पवर्षा करने का मंत्र
।। मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुड़ ध्वज ।
मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि ।।
पुष्पवर्षा करने के बाद भाई को मिठाई खिला दें, और भाई अपनी बहन के पैर छुकर उज्जवल भविष्य की कामना करें ।
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