रक्षाबंधन का पावन पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। रक्षाबंधन के इस पवित्र दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है और उससे रक्षा का वचन मांगती है। वही भाई भी उसे रक्षा का वचन देता है।हिंदू शास्त्रों के अनुसार पंचककाल को अशुभ माना जाता है। इस बार रक्षाबंधन के दिन पंचककाल पड़ रहा है। इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार 26 अगस्त 2018 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का त्यौहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन कुछ विशेष मुहूर्त होते हैं जिनमें राखी बंधी जाती है वहीं कुछ मुहूर्त ऐसे भी होते हैं जिनमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं। जैसे राहुकाल, भद्रा, पंचक। इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पंचक रहेगा, जो रक्षाबंधन के एक दिन पहले यानि 25 अगस्त से ही शुरु हो जाएगा और 30 अगस्त 2018 तक रहेगा। शास्त्रों में पंचककाल को अशुभ माना गया है लेकिन शास्त्रों में इसके अशुभ प्रभावों को दूर करने के भी उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं पंचकदोष दूर करने व उसके निवारण के लिए क्या उपाय करना लाभप्रद रहेगा।
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त, इस समय बांधें राखी
अभिजित काल-दिन के 11 बजकर 55 मि. से- 12 बजकर 46 मि. तक (शुभ)
शुभ - प्रात: 9 से 12 दोप. तक, दोप. 2 से 3 बजकर 30 मि., सायं 6 बजकर 40 मि. से- 9 बजकर 30 मि. तक।
राखी बांधन से पहले पंचककाल दूर करने के करें उपाय
26 अगस्त 2018 बुधवार को रक्षाबंधन के दिन दो पंचक कारक नक्षत्र रहेंगे। दोपहर दोप. 12 बजकर 35 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा, वहीं दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। ये दोनों ही नक्षत्र पंचक कारक नक्षत्र माने जाते हैं। यदि आपको इस समय रक्षाबंधन कर रहे हैं तो आप इस मंत्र का 11 बार उच्चारण करें, मंत्र इस प्रकार है- 'वसो पवित्रेति नम:' मंत्रोच्चारण के बाद बहन राखी बांधने से पूर्व अपने भाई को नारियल भेंट करें।
यदि आप रक्षाबंधन दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बाद कर रहे हैं तो रक्षाबंधन से पहले इस मंत्रोच्चारण के द्वारा पंचकदोष समाप्त कर सकते हैं। इस मंत्र का भाई-बहन 11 बार उच्चारण करें। मंत्र इस प्रकार है-
'वरणस्तम्भेति नम:' मंत्रोच्चारण के बाद बहन राखी बांधने से पूर्व अपने भाई को आम भेंट करें।
'वरणस्तम्भेति नम:' मंत्रोच्चारण के बाद बहन राखी बांधने से पूर्व अपने भाई को आम भेंट करें।
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