जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु धरती, मनुष्य सहित जीव चराचर के कल्याण और उद्धार के लिए अनेकों बार मानव रूप में जन्म लते रहे हैं, लेकिन त्रेता का श्रीराम अवतार एवं द्वापर का श्रीकृष्ण अवतार- ये 2 अवतार हिन्दूस्तान ही नहीं पूरी दुनिया में पूजे जाते हैं । श्री नारायण के आठवें अवतार योगेश्वर कृष्ण माने जाते है ओऱ इनके द्वारा दिए गये जीवन के उपदेश पूरी मानव जाति के लिए प्रेरणा के स्त्रोत आज भी है । शास्त्र के अनुसार कोई भी मंत्र साक्षात देवताओं के स्वरुप ही माने गये है, और मंत्र के जप, उच्चारण, पूजन से वे शीघ्र प्रसन्न होकर मनचाहे अनुदान वरदान देते हैं । आगामी श्रीकृष्ण जन्माष्मी पर अगर देवकीनंदन की विशेष कृपा चाहते हैं तो उनके इन प्रभावशाली और शीघ्र फल देने वाले मंत्रों का जप अवश्य करें ।
भगवान श्री कृष्ण के सर्व फलदायी सिद्ध मंत्र
1- श्री कृष्ण के इस मूल मंत्र का जप करने से आपका रूका हुआ धन जो किसी ऐसी जगह फस गया है और आने की सम्भावना नहीं बन रही है तो इस मंत्र का जप जन्माष्टमी के पर्व पर 1100 बार जपने से धन के शीघ्र वापिस मिल जाता हैं । इसके साथ ही घर में सुख -शांति, व्यापार और रोजगार में आने वाली सभी रुकवाटे भी इस मंत्र के जप से शीघ्र दूर होती है ।
मंत्र
।। कृं कृष्णाय नमः ।।
2- अगर परिवार में सब प्रकार से सुख, समृद्धि और शांति की कामना से जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जप करें । श्रीकृष्ण जी की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है ।
मंत्र
।। गोकुल नाथाय नमः ।।
3- भगवान श्रीकृष्ण के इस सप्ताक्षर सिद्ध मंत्र को जपने से कार्यों में आ रही सभी रूकावटे खत्म हो जायेगी । शास्त्रों के अनुसार विशेष फल का प्राप्ति हेतु इस मंत्र का 5 लाख जप कर सिद्घ करने से जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान तत्तकाल होने लगता हैं ।
मंत्र
।। ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा ।।
4- 33 अक्षरों वाला यह मंत्र श्री कृष्ण को बहुत ही प्रिय इस मंत्र के जप से सोंदर्य, वाणी में मधुरता के साथ-साथ सद्बुद्धि और मान -सम्मान भी मिलता है । इस मंत्र के जप को सदैव गोपनीय रखे और किसी को भी पता नही होना चाहिए ।
मंत्र
।। ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे । रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे ।।
5- जीवन की समस्त आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए जन्माष्टमी के दिन संध्याकाल में इस मंत्र का 1000 बार जप करने से धन आय के स्रोत मिलने शुरू हो जाते है ।
मंत्र
।। क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः ।।
6- संतान या पुत्र की इच्छा रखने वाले व्यक्ति विशेष रूप से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह 4 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक इस मंत्र को 2100 बार जपने से शीघ्र संतान के योग बनने लग जायेंगे ।
मंत्र
।। ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ।।
7- विवाह संबंधी योग नहीं बन रहे हो या विवाह में विलम्ब हो रहा है तो जन्माष्मी के दिन रात्रि काल में (11 से 12:30) के बीच इन दोनों मंत्रों या किसी एक का 1100) बार जप करने से विवाह में आ रही सभी अड़चने दूर हो जायेंगी ।
मंत्र
।। ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय ।।
।। ॐ हुं ह्रीं सः कृष्णाय नम: ।।
भगवान श्री कृष्ण के ये सभी सिद्ध मंत्र न सिर्फ आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सक्षम है बल्कि जीवन में परम सुख की अनूभूति भी कराते है । शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण की आराधना करने वाले जातक जीवन में सभी सुखों को भोगकर मृत्यु के पश्चात् मोक्ष को प्राप्त होते है ।
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